गुरुवार, 8 सितंबर 2016

पता है तुम्हें कि तुम कितनी सुंदर हो?


     

   
तस्वीर में दिखने वाली इस लड़की का नाम लॉरा डे है। यह बेल्जियम की रहने वाली है।पिछले महीने इसने फेसबुक पर अपनी इस प्रोफाइल पिक्चर को अपडेट किया था। इस फोटो में दिखाई पड़ रहे थे- लॉरा के हेयरी अंडरआर्म्स। इस फोटो पर लोगों ने कमेंट किया- 

 तुम्हारी तस्वीर देख कर मैंने 146 बार उल्टी की
तुम रंडी हो
तुम सूअर हो

  लॉरा ने यह फोटो अपने अंडरआर्म्स दिखाने के लिए अपडेट नहीं की थी बल्कि उसने समाज में लड़कियों के बालों को लेकर दिमाग में जमी गंदगी को साफ करने और एक सच्चाई से रू-ब-रू करने के लिए दिखाई| लेकिन उस पर लोगों ने ऐसे कमेंट किए जिसे पढ़ने के बाद खुद को सभ्य कहने वाले लोगों की असभ्य सोच की झलक साफ दिखाई दी। 
 
लॉरा ने बताया कि, ‘मुझे मालूम था लोग इस तस्वीर पर लोग प्रतिक्रिया देंगे, पर इस तरह मेरे साथ हैरेसमेंटऔर वर्चुअल हिंसाकरेंगे, यह नहीं सोचा था। मैं सिर्फ यह दिखाना चाहती थी कि यह मेरा शरीर है और मैं इसके साथ कुछ भी कर सकती हूं।‘ बालों के साथ हम पैदा होते है। औरतें अपने सिर के लंबे बालों पर गुमान करती है, लेकिन हाथ, पांव, चेहरे या अंडरआर्म्स पर आए बालों को छिपाती है क्योंकि हमारी सोच में यह बात गहराई से जज्ब हैं कि बाल मर्दाना होते है| अगर औरत को औरत दिखना है, तो शरीर के बाल साफ कराने होंगे।अंडरआर्म्स आपके शरीर का हिस्सा हैं। आपके अपने ही शरीर को उसे शेव करना है या उसमें बाल रखने हैं, ये आपका फैसला है। 

लॉरा की इस कहानी को जानने के बाद ऐसा लगता है जैसे अपनी सोसाइटी में सब कुछ सेट है। खासकर महिलाओं के संदर्भ में| ये तय है कि उन्हें कैसे दिखना है, कैसे रहना है, क्या पहनना है....वगैरह-वगैरह। स्कूल में हमारी पहली क्लास की वो इंग्लिश की किताब वाली कविता - चिब्बी चिक, डिम्पल चिन होया फिर नानी-दादी की राजकुमारी और परियों वाली कहानी, इन सभी जगह एक सांचे में ढली खूबसूरतीकी परिभाषा की झलक हमें बचपन से दिखाई जाती है जहां आंखें झील-सी नीली या कजरारी, बाल सुनहरे रेशम से मुलायम, गालों का रंग दूध-सा सफेद, गुलाब की पंखुड़ियों से होंठ और छरहरा चंदन-सा बदन होता है। हमारे शरीर के हर एक अंग के लिए समाज का बनाया हुआ खूबसूरती का पैमाना, तब हमारे आत्मविश्वास और व्यक्तित्व को बुरी तरह प्रभावित करता है, जब हम उस सांचे में फिट नहीं बैठते।

 जब हमारी आंखें बादाम की शेप वाली हल्की ब्राउन रंग की हों, हमारे बाल उलझे-बिखरे और हमसे भी ज्यादा जिद्दी हों, गालों का रंग सांवला हो, तब उस सांचे को मानक मान कर हमारी शारीरिक-बनावट की छोटी-छोटी कमियां हमें हर वक्त बदसूरत होने का अहसास कराने लगती हैं।  

  लेकिन अब समय बदल चुका है और समय के साथ इस सांचे को भी बदलना होगा। महिलाओं को यह समझना होगा कि अब वे हर क्षेत्र में जमाने के साथ कदम से कदम से मिला कर चल रही हैं। इसलिए ज़रूरी है कि वे खूबसूरतीकी भी अपनी एक नई परिभाषा गढ़ें।
 
ब्लशद्वारा निर्मित फाइंड योर ब्यूटीफुलनाम का विडियो इस दिशा में बेहद सफल और सराहनीय प्रयास है। यह विडियो हर उस लड़की को देखना चाहिए, जो अपने आपको खूबसूरत नहीं समझती। जिसे लगता है कि उसमें कुछ कमी है। जिसके कानों में हमेशा पड़ोस वाली आंटी और बड़ी बुआ व तमाम महिलाओं के बताए खूबसूरती वाले घरेलू-नुस्खे गूंजते रहते हैं। 

   इस वीडियो को देखने के बाद वे नोटिस करें कि मेकअप में छिपी अपनी उन आंखों को, जो झील-सी नीली या कजरारी नहीं दिखती, जैसी हमारी फिल्मी नायिकाओं की होती हैं बल्कि उनकी आंखें रोस्टेड बादामों जैसी दिखती है| हल्की-भूरी और नाजुक-सी| या फिर वे नोटिस करें अपने बालों को, जो रेशम से मुलायम होने के बजाय धूल-मिट्टी में लिपटे, उनसे भी ज्यादा जिद्दी हैं और अपनी इन खूबियों को देख कर वे पहचानें अपने-आपको.....क्योंकि लड़कियों तुम्हें नहीं पता कि तुम कितनी सुंदर हो!




  
   कहते है न, ‘आप जैसा सोचोगे, दुनिया वैसी ही नज़र आएगीपर समाज में हमारे सोचने से पहले ही हम सभी की आंखों पर एक ऐसा सामाजिक चश्मा चढ़ा दिया जाता है कि हम सभी के लिए जैसी नज़र, वैसा नज़ारावाली कहावत काम करने लगती है। समाज में जन्म लेते ही लड़की को नवजात शिशु समझने से पहले लड़की मान लिया जाता है और इसके बाद शुरू होता है, समाज की गढ़ी लड़की होने की परिभाषा में लड़की को ढालने का काम| लेकिन यहां हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि नज़र से ऊपर के स्थान पर हमारा दिमाग विराजमान है। इसलिए हम सभी को अब यह समझना होगा कि जब तक हम अपनी कद्र नहीं करेंगे, तब तक यह दुनिया भी हमारी कद्र नहीं करेगी’ 

  अपनी ज़िंदगी के लिए सिर्फ दो शब्द हमेशा कायम रखो- तुम सुंदर होदेखना फिर, ये दुनिया कैसे सुंदर हो जाएगी। बस तुम आगे बढ़ती जाओ। दुनिया की परवाह करना बंद करो। तुम जैसी भी हो, अच्छी हो। किसी से कम नहीं हो। यह तन और मन तुम्हारा है। इसे तुम खुद अपने हिसाब से ढालो न कि दुनिया के हिसाब से ढलने दो। क्योंकि प्रकृति ने हर लड़की को सुंदर बनाया है। और तुम भी सुंदर हो। 


स्वाती सिंह 

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